रांची
मंत्री इरफान अंसारी घुसपैठ मामले की सच्चाई जानने आज एक आदिवासी के घर पहुंचे। इस घर में उनको गैस का चूल्हा तो जरूर दिखाई पड़ा लेकिन इस पर खाना नहीं बनाया जा रहा था। बल्कि इस घर में महिलाएं लकड़ी जलाकर खाना बना रही थीं। अंसारी ने जब इसका कारण जानना चाहा तो उनको बताया गया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत उनको गैस सिलेंडर और गैस चूल्हा जरूर मिला था लेकिन अब वे गैस खरीदने में सक्षम नहीं है। अंसारी ने इस पर तंज हुए है कहा है, "केंद्र सरकार का विकास ऐसा ही है। कागज़ पर योजनाएं तो हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है। मोदी जी, आप ऐसे ही विकास करते रहिए, हमलोग तो देखने के लिए हैं ही।" बाद में अंसारी यहां खुद भी चारपाई पर बैठकर खाना बनाते देखे गये।
आज बांग्लादेशी की तलाश में एक आदिवासी के घर पहुंचा, जहां बांग्लादेशी तो नहीं मिला, लेकिन मोदी जी की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाला गैस चूल्हा जरूर दिखाई दिया। चूल्हे पर नज़र पड़ी तो सोचा, आदिवासी अब गैस पर खाना बना रहे होंगे, लेकिन पास जाकर देखा तो हकीकत कुछ और… pic.twitter.com/Xei93tfGKT
— Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) September 21, 2024
क्या है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
बता दें कि गरीब परिवारों की महिलाओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन मिलती है। माना गया है कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना से गरीब महिलाओं को जल्दी ही मिट्टी के चूल्हे से आजादी मिल जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए उपयोग में आने वाले जीवाश्म ईंधन की जगह एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा देना है।